Publish Date: | Mon, 05 Oct 2020 04:13 AM (IST)
राजधानी के कई निजी स्कूल अभिभावकों पर कई प्रकार के फीस देने का बना रहें दबाव
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। निजी स्कूलों के खिलाफ फीस विवाद का मामला बढ़ता ही जा रहा है। अभी कुछ सीबीएसई स्कूलों में छमाही परीक्षा चल रही है तो कुछ में होने वाली है। बच्चे इस परीक्षा में शामिल हो सकें, इसके लिए अभिभावकों पर तीन से चार माह की फीस जमा करने का दबाव डाला जा रहा है। कुछ स्कूल तो तीन माह की फीस के साथ परीक्षा-शुल्क की भी मांग कर रहे हैं। स्कूलों द्वारा अभिभावकों को मैसेज भेजा जा रहा है कि फीस जमा न करने पर प्रवेश पत्र जारी नही होगा, जिससे बच्चे परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। वहीं नौवीं व 11वीं कक्षा में विद्यार्थियों का पंजीयन भी चल रहा है। इसके लिए भी स्कूलों द्वारा दबाव डाला जा रहा है कि अगर चार माह की फीस जमा नही होगी तो बच्चों का पंजीयन नहीं होगा। इस संदर्भ में राजधानी के बाल भवन, सागर पब्लिक स्कूल व होलीक्रास स्कूल आदि के खिलाफ अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है।
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8 हजार रुपये तक कर रहे मांग
अभिभावक अर्चना तिवारी ने बताया कि उनका बच्चा चौथीं कक्षा में है और उसकी 13 अक्टूबर से छमाही परीक्षा है। स्कूल 1875 मासिक शिक्षण शुल्क के रूप में अगस्त, सितंबर व अक्टूबर की फीस एक साथ जमा करने का दबाव बना रहा है। साथ ही 150 रुपये कंप्यूटर फीस, 4110 रुपये वार्षिक शुल्क व 350 रुपये अन्य शुल्क के रूप में भी मांग रहे हैं। इस तरह करीब 8 हजार रुपये जमा करने के बाद बच्चे को छमाही परीक्षा में शामिल करेंगे। वहीं अभिभावक सुनील श्रीवास्तव ने भी शिकायत की है कि उनके बेटे की फीस पूरी जमा नहीं है तो छमाही परीक्षा में शामिल नहीं किया जा रहा है।
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वर्जन
– बाल भवन, सागर पब्लिक स्कूल के खिलाफ शिकायत मिली है। कोर्ट में फीस संबंधी याचिका विचाराधीन है, लेकिन कोई भी स्कूल फीस जमा न होने पर परीक्षा से वंचित नही कर सकता। दोनों स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
नितिन सक्सेना, जिला शिक्षा अधिकारी
Posted By: Nai Dunia News Network
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