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- Former MLA Shakuntala Khatik Left The Congress And Joined The BJP; Dalit Leader Ramesh Itauria Resigns, Joins BSP
भोपालएक घंटा पहले
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शिवपुरी के करैरा से पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता शकुंतला खटीक ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने दिल्ली में सिंधिया के समक्ष भाजपा ज्वाइन किया।
- पूर्व विधायक तीन साल पहले उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने कहा था थाने में आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा
उपचुनाव के पहले नेताओं की पार्टी में आवाजाही जारी है। कांग्रेस को सोमवार को दो बड़े झटके लगे। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की सदस्य और करैरा की पूर्व विधायक शकुंतला खटिक ने कांग्रेस के सभी पदों से त्यागपत्र देकर भाजपा का दामन थाम लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने मूल सिंद्धांतों से भटक गई है और यहां पर सच्चे और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने नई दिल्ली में सिंधिया के समक्ष भाजपा ज्वाइन किया।
तीन साल पहले आई थीं चर्चा में
थाने में मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा जैसा भड़काऊ बयान देकर 2017 में शकुंतला खटीक चर्चा में आई थी। इस मामले में खटीक को दिसंबर 2019 में भोपाल की एमपी एमएलए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई थी। ं
मामला मंदसौर में फायरिंग के दौरान हुई 6 किसानों की मौत के बाद कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन का कार्यक्रम तय किया था। करैरा में विधायक शकुंतला खटीक इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहीं थीं। पुतले में जैसे ही विधायक ने आग लगाई, फायर बिग्रेड से उसे बुझा दिया गया। बस इसी के साथ विधायक भड़क गईं और थाने में आग लगाने की धमकी दे डाली।

कांग्रेस के दलित नेता रमेश इटौरिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ बसपा में शामिल हो गए।
इधर, दलित नेता रमेश इटौरिया ने कांग्रेस छोड़ बसपा से हाथ मिलाया
अशोकनगर विधानसभा सीट से आशा दोहरे को टिकट मिलने के बाद से नाराज थे दलित नेता रमेश इटौरिया ने पार्टी छोड़ मुंगावली में बसपा में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि पहले सिंधिया और अब दिग्विजय ने एससी वर्ग को धोखा देने के आरोप लगाए। कांग्रेस में दलित वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाने वाले रमेश इटौरिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुंगावली में बसपा का दामन थाम लिया।
दरअसल अशोकनगर विधानसभा सीट से वे दावेदार माने जा रहे थे और टिकट की मांग भी कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने वरिष्ठ पार्षद अनीता जैन की बहू आशा दोहरे को टिकट दिया है। इससे नाराज होकर उन्होंने त्याग पत्र दे दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं एडवोकेट रमेश इटाैरिया का कहना है कि पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और उसके बाद दिग्विजय सिंह ने एससी वर्ग के साथ नाइंसाफी की है। इस धोखे का अंजाम पार्टी को भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मुंगावली में बसपा के प्रदेश प्रभारी वरुण अम्बेडकर के समक्ष ज्वाइन कर ली है।