दतिया2 मिनट पहले
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- रजिस्ट्रेशन निरस्त होने पर भी 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने पर व्यापारी को 500 रुपए लेट फीस लगेगी
जीएसटी रिटर्न भरने के लिए व्यापारियों को अब राहत मिली है। कंपोजीशन डीलर को अब साल में एक बार ही जीएसटी-4 फाॅर्म भरना होगा। जिसकी अंतिम तारीख बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गई है। वरिष्ठ कर सलाहकार संजय एच. व्यास ने बताया जीएसटी रजिस्ट्रेशन निरस्त होने पर भी 31 दिसंबर 2020 तक फाइनल रिटर्न फाइल करने पर व्यापारी को केवल 500 रुपए लेट फीस ही भरना होगी। इससे छोटे व्यापारी को आर्थिक राहत मिलेगी।
कंपोजीशन डीलर को राहत, 31 अक्टूबर तक भर सकेंगे रिटर्न, बग निल रिटर्न की स्थिति में नहीं लगेगी लेट फीस
पहली राहत : कंपोजीशन डीलर 31 अक्टूबर तक जीएसटी रिटर्न फाइल कर सकेंगे। निल रिटर्न की स्थिति में कोई लेट फीस नहीं लगेगी। यदि रिटर्न फाइल में कर भुगतान होना है तो प्रति रिटर्न 500 रुपए लेट फीस लगेगी। 2019-20 से यह एक बार करना होगा।
पहले यह होता था
रजिस्ट्रेशन निरस्त होने पर यदि जीएसटी रिटर्न-10 फाइनल रिटर्न 90 दिन में जमा नहीं होता था तो 200 रुपए रोज या अधिकतम 10 हजार रुपए लेट फीस लगती। छोटे व्यापारी पर आर्थिक बोझ बढ़ता है।
अब यह होगा
2019-20 वित्तीय वर्ष में इसे वर्ष में एक बार जमा करना होगा। चार बार रिटर्न देने से राहत मिलेगी। लेट फीस घटाकर 500 रुपए प्रति रिटर्न कर दी गई है। इसमें पिछले रिटर्न भी शामिल हो सकेंगे।3
दूसरी राहत : रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के 90 दिन के अंदर किया जाने वाला जीएसटी रिटर्न-10 फाइनल रिटर्न देने पर 31 दिसंबर तक 500 रुपए ही पेनाल्टी लगेगी। कंपोजीशन डीलर वही व्यापारी हो सकता है जिसका सालाना टर्न ओवर डेढ़ करोड़ रुपए हो, यह एच्छिक है।
पहले यह होता था
रजिस्ट्रेशन निरस्त होने पर यदि जीएसटी रिटर्न-10 फाइनल रिटर्न 90 दिन में जमा नहीं होता था तो 200 रुपए रोज या अधिकतम 10 हजार रुपए लेट फीस लगती। छोटे व्यापारी पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। अब यह होगा व्यापारियों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन निरस्त हो जाता है तो जीएसटी रिटर्न-10 फाइनल रिटर्न 90 दिन के अंदर फाइल नहीं हो सका तो 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने पर 500 रुपए लेट फीस लगेगी।