इंदौर33 मिनट पहले
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आरोपी छोटू उर्फ विजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
- एक साल पहले एक साथी गिरफ्तार हुआ था, दूसरा स्पेशल टॉस्क फोर्स के हाथ अब आया
- पुलिस को आरोपी को महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मप्र में धोखाधड़ी का पुलिस रिकार्ड मिला
बेशकीमती रत्न, नागमणि, सोने के नकली सिक्के खुदाई में मिलने का बोलकर लोगों उसे कम कीमत में खरीदने का झांसा देकर उन्हें अपने स्थान पर बुलाकर लूटने व धोखाधड़ी करने वाली गैंग के एक और बदमाश को स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। आरोपी से 185 सोने के नकली सिक्के जो दिखने में हूबहू असली नजर आते हैं वह भी जब्त हुए हैं। तीन दिन का पुलिस रिमांड लेकर इसने कई लूट की वारदातों में पूछताछ की जा रही है।
एसटीएफ एसपी मनीष खत्री ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी छोटू उर्फ विजय पिता कमल हलवाई निवासी झिरियाडोह (थाना बीजादही, बैतूल) है। इससे 185 सोने के नकली सिक्के मिले हैं। इसका महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मप्र में धोखाधड़ी का पुलिस रिकार्ड मिला है। इसने कई लोगों को नागमणि, बेशकीमती रत्न, सोने के नकली सिक्के कम कीमत पर देने के नाम पर जंगलों में ले जाकर उनसे लूटपाट और धोखाधड़ी की थी।
इस गैंग के खिलाफ 22 अक्टूबर 2019 को यूनिट के अधिकारी एमए सैय्यद ने केस दर्ज किया था। इसमें एक आरोपी रंजीत (30) पिता सरकस पारदी निवासी बेजनपुर (सिवनी-मालवा) होशंगाबाद को गिरफ्तार किया था। इससे भी 110 सोने के नकली सिक्के मिले थे। हाल ही में पकड़ाया आरोपी छोटू उर्फ विजय रंजीत की गैंग में ही काम करता है। इनका एक साथी गुलाब अभी फरार है। जब टीम ने रंजित को पकड़ा था तो गुलाब और छोटू उर्फ विजय भाग निकले थे। ये अपने गांव भी नहीं आ रहे थे। दोनों ने अलग-अलग स्थानों पर फरारी काटी। पुलिस से बचने के लिए ये ढाबे- होटल व खेतों में मजदूरी कर जीवन गुजार रहे थे। छोटू अधिकतर दिगगांव, नरसरुल्ला गंज, सलकनपुर आदि स्थानों पर फरारी काट रहा था।
कुछ दिन पहले टीआई सैय्यद की टीम को इसके गांव झिरियाडोह में आने की सूचना मिली थी तो वे एक टीम के साथ सादी वर्दी में गांव पहुंचे और इसकी रैकी करने के बाद टीम ने इसे उठा लिया। आरोपियों की गैंग ने एक से डेढ़ साल पहले महाराष्ट्र से कुछ लोगों को नागमणि मिलने का बोलकर उसे दिखाकर अपने गांव बुलाया था। फिर जंगल में ले जाकर अपने साथियों के साथ घेराबंदी कर उन्हें लूट लिया था। आरोपी छोटू उर्फ विजय ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंकित बोरकर निवासी न्यू देवास रोड (इंदौर) के साथ सोने के 75 नकली सिक्के देकर 1 लाख की धोखाधड़ी की थी। अंकित की शिकायत पर भोपाल स्थित एसटीएफ कार्यालय में केस भी दर्ज किया था।