Publish Date: | Fri, 02 Oct 2020 10:18 PM (IST)
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जो सांप जहरीला होता है उसके काटने पर केवल दो ही दांत के निशान होते हैं जबकि जो सांप जहरीला नहीं होता उसके काटने पर कई दांतों के निशान दिखते हैं। असल में विषैले सांप के दो ही दांत ऐसे होते हैं जिनके निशान शरीर पर नजर आते हैं। यह जानकारी तस्नीम परवेज ने शुक्रवार को स्नेक अवेयरनेस शो के दौरान दी। वाइल्डलाइफ वीक के तहत शहर के प्राणी संग्रहालय में यह शो हुआ। यह कार्यक्रम एनिमल रिहेबिलिटेशन एंड प्रोटेक्शन फ्रंट (एआरपीएफ) द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
तस्नीम ने बताया कि अमूमन जहरीले सांप केवल उतना ही जहर सामने वाले में डालते हैं जितनी जरूरत होती है जबकि दीवड़ (रसल वाइपर) एक ऐसा जहरीला सांप है जो काटने से पहले यह नहीं सोचता कि कितना विष सामने वाले में डालना है। वह अपना सारा विष काटते वक्त उसमें छोड़ देता है। भारत में सांप के काटने से होने वाली जितनी मौतें होती हैं उनमें सबसे ज्यादा दीवड़ के काटने से होती है। यही नहीं सिर्फ कोबरा ही ऐसा सांप है जो फन फैला सकता है। बाकी सांप फन उठाए बिना काट सकते हैं।
वे बताती हैं अमूमन हमारे आसपास जो सांप पाए जाते हैं उनमें धामन (रेट स्नेक) प्रमुख है। यह कोबरा से बहुत मिलता-जुलता होता है, लेकिन यह विषैला नहीं होता। यह कोबरा की तरह फन भी नहीं फैला सकता। ज्यादातर यह सांप चूहे ही खाता है। भारतीय रॉक पाइथन विषैला कंस्ट्रक्टर सांप होता है। यह अपने शिकार को लपेट लेता है और घुटन के द्वारा उसे मारकर निगल जाता है। रेड सैंड बोआ आमतौर पर दुनिया में सबसे शांत सांपों में से एक है। इसके अलावा बैंडेड क्रेट, कॉमन क्रेट, बर्मीस पाइथन, बैंबू पिट वाइपर के बारे में भी बताया। एआरपीएफ की ब्रांच डायरेक्टर ऐशानी जैन ने बताया कि 7 अक्टूबर तक कई गतिविधियां आयोजित होंगी।
Posted By: Nai Dunia News Network
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