Publish Date: | Thu, 01 Oct 2020 01:16 AM (IST)
*छत्तीसगढ़ के मिल वालों ने की घोषणा, शहर के व्यापारी विरोध में
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ की लोहा मिलों और आपूर्ति करने वालों के संदेशों से शहर के लोहा कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मिल और आपूर्ति करने वालों ने संदेश भेजा है कि एक अक्टूबर से वे हर बिल पर नए कर की कटौती करेंगे। स्रोत पर कर संग्रहण (टीसीएस) के रूप में हर बिल पर 0.075 प्रतिशत कर काटा जाएगा। कारोबारियों ने इसे मनमाना करार देते हुए विरोध शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ की लोहा मिलों और थोक आपूर्ति करने वालों ने इंदौर समेत मप्र के सभी कारोबारियों को यह संदेश भेज दिया है। दरअसल फाइनेंस एक्ट-2020 में सेक्शन 206 सी के तहत प्रावधान किया गया है कि माल आपूर्तिकर्ता को ऐसे सभी व्यापारियों के बिलों पर 0.075 प्रतिशत टीसीएस काटना होगा, जिनका बीते वर्ष का टर्नओवर 10 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा हो, फिर भले ही खरीदार को संबंधित आपूर्तिकर्ता ने वित्त वर्ष में कुल 50 लाख रुपये से ज्यादा का माल दिया हो।
स्थानीय लोहा बाजार के व्यापारी मनोज शर्मा के अनुसार नियम तो 10 करोड़ रुपये के टर्नओवर या 50 लाख से ज्यादा की बिलिंग के बाद टीसीएस की कटौती का है। इसे भूल आपूर्ति करने वालों ने अब हर बिल पर ही कर कटौती का ऐलान कर दिया है। इससे छोटे और मध्यम व्यापारियों की कठिनाई बढ़ जाएगी। काटे गए कर का यह पैसा कारोबारियों की पूंजीगत तरलता खत्म कर देगा। खजाने में गए कर को वापस पाने में एक से दो साल तक का समय लग जाएगा। नए कर के नाम पर मनमानी शुरू हो गई है। इससे बाजार में ग्राहकों के लिए भी महंगाई बढ़ जाएगी।
अतिरिक्त एहतियात से परेशानी
सीए पंकज शाह के अनुसार आपूर्तिकर्ता सोच रहे हैं कि वे टर्नओवर या अब तक हुए कुल सौदे का विवरण याद रखें। उससे बेहतर है कि अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए हर बिल पर कर ही काट लें। सप्लायर तो अपनी ओर से अतिरिक्त सावधानी बरतते दिख रहे हैं लेकिन यह छोटे कारोबारियों की परेशानी बढ़ा देगा। इससे उनकी पूंजी रुकेगी। व्यापारी यह डर न रखें कि सप्लायर टीसीएस काटने के बाद उसे शासन के खजाने में जमा नहीं करेगा। यदि कोई ऐसा करता है तो उसे जेल भेजने का प्रावधान है। हर तीन महीने में व्यापारी जांच सकता है कि उसके बिल पर काटा गया कर आयकर में जमा हुआ या नहीं।
Posted By: Nai Dunia News Network
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
नईदुनिया ई-पेपर पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे