Updated: | Tue, 29 Sep 2020 07:34 PM (IST)
Madhya Pradesh Assembly by-elections: वैभव श्रीधर भोपाल। नईदुनिया। मध्य प्रदेश में होने जा रहे 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव का केंद्र एक बार फिर किसान ही रहेंगे। कांग्रेस और भाजपा किसानों के लिए किए अपने कामों को प्रमुख मुद्दा बनाएंगी। इसके संकेत दोनों दल दे चुके हैं। कांग्रेस जहां कर्जमाफी के मुद्दे पर आक्रामक रहेगी तो भाजपा ने किसान कल्याण योजना और फसल बीमा के माध्यम से पलटवार की तैयारी कर ली है। दोनों अपने-अपने स्तर से आंकड़ों का सहारा लेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ इशारा भी कर चुके हैं कि एक पेनड्राइव में उन सभी किसानों के नाम, कर्ज की राशि सहित अन्य जानकारी है, जो साबित करेगी कि कर्जमाफी हुई है। सामूहिक विवाह और सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाने सहित अन्य मुद्दे प्रमुखता के साथ मतदाताओं के बीच रखे जाएंगे।
वहीं, कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस को घेरने के लिए अनाज खरीद, फसल बीमा और कर्जमाफी को लेकर घेरने की तैयारी की है। यह उपचुनाव सत्ता का भविष्य तय करने वाला है, इसलिए भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। यही वजह है कि कांग्रेस ने कर्जमाफी को लेकर आक्रामक रहने की रणनीति बनाई है।
भाजपा पर इसको लेकर किसानों को गुमराह करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस विधानसभावार कर्जमाफी का फायदा लेने वाले किसानों की सूची तैयार कर उनसे संपर्क करेगी। वहीं, उन हितग्राहियों तक भी पहुंचने की रणनीति प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने बनाई है कि जिन्हें सामूहिक विवाह के 51 हजार रुपये या सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 600 रुपये महीना मिले हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि कांग्रेस के पास जनता को बताने के लिए कमल नाथ सरकार के बहुत काम हैं। सबसे बड़ी चीज प्रदेश की छवि में हुआ बदलाव है। पहले प्रदेश को भ्रष्टाचार, अपराध और किसान आत्महत्या के नाम से जाना जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार में निवेश के लिए सबसे बेहतर स्थान के तौर पर पहचाना जाने लगा है।
प्रदेश के युवाओं को स्थानीय स्तर पर 70 फीसद रोजगार देने की व्यवस्था उद्योग नीति में की गई। पर्यटन को बढ़ावा देकर प्रदेश में रोजगार की संभावना तलाशने का काम किया गया। अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण, आदिवासियों की कर्जमाफी के लिए कानून बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजना सहित अन्य काम भी किए गए।
यही वे चीजें थीं, जो भाजपा को रास नहीं आ रही थीं। भाजपा आज भी जनता को यह नहीं बताती है कि उसने 15 साल में क्या किया था। जनता सब जानती है और उपचुनाव में जवाब देगी। उधर , भाजपा ने कांग्रेस की कर्जमाफी का जवाब देने की तैयारी कर रखी है।
पार्टी लगातार यह दावा कर रही है कि दो लाख रुपये तक किसानों की कर्जमाफी नहीं हुई है। जो कर्ज माफ भी किया गया, उसकी राशि बैंकों को नहीं दी गई। पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करीब 800 करोड़ रुपये सहकारी बैंकों को दिए थे।
किसानों के लिए किसान कल्याण योजना, फसल बीमा का भुगतान, 23 हजार करोड़ रुपये का गेहूं और आठ हजार करोड़ रुपये से अन्य फसलों की खरीद की बात जनता के सामने रखी जाएगी। इसके साथ ही संबल योजना को फिर से शुरू करना, प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा में काम दिलाना सहित अन्य जनकल्याण की योजनाओं को मुद्दा बनाया जाएगा।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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