Updated: | Sun, 04 Oct 2020 08:00 AM (IST)
भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि), Bus Fare। यात्री बसों का किराया बढ़ाने को लेकर 18 सितंबर को मंत्रालय में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव एसएन मिश्रा सहित अन्य अधिकारियों और बस संचालकों की बैठक हुई। औपचारिक रूप से हुई किराया बोर्ड की बैठक के 15 दिन बाद भी बसों का किराया नहीं बढ़ सका है। इससे नाराज प्रदेशभर के बस संचालक नाराज हैं। बस संचालकों का कहना है कि यदि शासन ने 14 अक्टूबर तक बसों का 50 फीसद किराया नहीं बढ़ाया तो 15 अक्टूबर को भोपाल सहित पूरे मध्य प्रदेश में बसों का संचालन बंद कर देंगे।
मध्य प्रदेश प्राइम रूट बस एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि यात्री नहीं मिलने से रोजाना 200 किलोमीटर मार्ग पर एक बस संचालित करने पर 6000 रुपये तक घाटा हो रहा है। वर्तमान में 20 फीसद से ज्यादा यात्री नहीं मिल रहे हैं। उपचुनाव के चलते शासन बसों का किराया बढ़ाने से किनारा कर रही है। यदि किराया नहीं बढ़ाया गया तो 15 अक्टूबर को बसों को चलाना ही बंद कर देंगे। लोगों को परिवहन की सुविधा नहीं मिलेगी, जिसकी जिम्मेदारी शासन की होगी। वहीं एक निजी ट्रैवल्स एजेंसी के संचालक चरणजीत गुलाटी ने बताया कि डीजल, बसों के टायर व पार्ट्स के दामों में इजाफा हुआ है, उसी हवाला देते हुए 50 फीसद यात्री बसों का किराया बढ़ाने का प्रस्ताव किराया बोर्ड की बैठक में रखा है।
अभी पहले पांच किलोमीटर का किराया सात रुपये और फिर एक रुपये प्रति किलोमीटर है। प्रस्ताव में पहले पांच किलोमीटर का किराया 10 और फिर प्रति किलोमीटर डेढ़ रुपये किराया बढ़ाने की मांग है। अब तक शासन ने किराया नहीं बढ़ाया है। ऐसे में लगातार घाटा होने से बस संचालक खुद ही बसें बंद करते जा रहे हैं। आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
एक नजर में बसों का संचालन
– 22 मार्च से कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से बसें बंद हुई थीं।
– 4 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साढ़े पांच महीने का बसों का टैक्स माफ किया।
– 5 सितंबर को बसों का संचालन होने लगा।
– 20 फीसद से ज्यादा यात्री नहीं मिल रहे।
– 35 हजार प्रदेश में बसों की संख्या है।
– 7000 बस अभी चल रही हैं।
Posted By: Prashant Pandey
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