Updated: | Sun, 04 Oct 2020 10:40 AM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि, Electricity Subsidy। बैंक खाते में बिजली सब्सिडी अभी आने में वक्त लगेगा, बिजली कंपनी इसे अक्टूबर में शुरू करने की तैयारी में थी लेकिन कोरोना और विभागीय कामकाज ने इसमें रोड़ा पैदा कर दिया है। केंद्रीय स्तर पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफॉर्मर स्कीम (डीबीटी) योजना को लागू करने के लिए गाइडलाइन ही नहीं आ पाई है। वहीं कंपनी ने भी उपभोक्ताओं का डेटा नहीं जुटाया है। ऐसी स्थिति में यह योजना साल 2021 से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं लग रही है। शुरुआती दौर में प्रदेश के विदिशा, झाबुआ और सिवनी जिले में इसे लागू किया जा रहा है। तकनीकी समस्याओं का आकलन करने के बाद प्रदेशभर में लागू होगी। सब्सिडी को किस स्वरूप में दिया जाए इसको लेकर फिलहाल निर्णय लेना बाकी है।
क्या काम अभी बाकी
बिजली कंपनी के पास इस योजना को किस तरह लागू किया जाए इसकी गाइडलाइन केंद्र से आनी है। अभी तक इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं। इधर कोरोना संक्रमण की वजह से भी अधिकारी-कर्मचारीदफ्तर में कम आ रहे हैं। इस वजह से डेटा जुटाने का काम प्रभावित हुआ है। संभाग के सिवनी में करीब 30 फीसद ही डेटा लिया गया है। कंपनी हर उपभोक्ता के आधार कार्ड को कनेक्शन से लिंक कर रही है। इसके अलावा लैंड रिकॉर्ड भी लिया जा रहा है।
क्या है योजना
बिजली कंपनी किसानों को करीब 92 फीसद सब्सिडी देती है। महज 8 फीसद ही उपभोक्ता बिल की राशि भरता है। वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को भी इसी तरह से अलग-अलग श्रेणी में सब्सिडी है। अब सरकार बिजली कंपनी को सब्सिडी देने की बजाय सीधे उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी की राशि जमा करेगी। इसके लिए उपभोक्ता को पहले पूरी राशि का बिल अदा करना होगा। ठीक वैसे ही जैसे रसोई गैंस सिलिंडर का पहले पूरा भुगतान करने के पश्चात खातें में सब्सिडी की राशि भेजी जाती है।
तीन जिलों से वसूली पर फैसला
प्रदेश के विदिशा, सिवनी और झाबुआ में एक लाख 30 हजार 108 कृषि उपभोक्ता हैं जिन्हें प्रदेश सरकार से 658 करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी मिलती है।
बिजली सब्सिडी खाते में डालने संबंधी योजना पर अभी केंद्रीय स्तर पर गाइडलाइन नहीं मिली है। जैसे ही योजना का स्वरूप मिलेगा इसे लागू कर दिया जाएगा। – संजय भगवतकर, मुख्य महाप्रबंधक वाणिज्य, मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी
Posted By: Prashant Pandey
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